मकर संक्रांति 2025: क्यों मनाते हैं यह खास त्यौहार और क्या है इसका महत्व?

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मकर संक्रांति 2025

4 जनवरी 2025: आज पूरे भारत में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है और इसे भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे दिन लंबा और रात छोटी होने लगती है।

मकर संक्रांति का महत्व धार्मिक और खगोलीय दोनों ही दृष्टियों से है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है। इसे एक नया शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इस पर्व पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। लोग इस दिन तिल, गुड़, अनाज और कपड़ों का दान करते हैं।

यह त्यौहार केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों में भी मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति, महाराष्ट्र और गुजरात में उत्तरायण, तमिलनाडु में पोंगल और पंजाब में लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। इन सभी उत्सवों का मुख्य उद्देश्य खुशियां बांटना और प्रकृति का आभार प्रकट करना है।

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का खास रिवाज है। खासकर गुजरात और राजस्थान में लोग इस दिन आसमान को रंग-बिरंगी पतंगों से भर देते हैं। पतंग उड़ाने की परंपरा के पीछे यह मान्यता है कि सूर्य की किरणें इस दिन बेहद शुभ होती हैं। इनसे शरीर को ऊर्जा मिलती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

इस दिन तिल और गुड़ से बने व्यंजन भी खास तौर पर बनाए जाते हैं। यह व्यंजन स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। तिल और गुड़ शरीर को गर्मी देते हैं और ठंड के मौसम में बेहद फायदेमंद होते हैं।

ऐतिहासिक रूप से भी मकर संक्रांति का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल में भी इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता था। भीष्म पितामह ने अपना शरीर इसी दिन त्यागा था। इसके अलावा, इस दिन को नए फसलों की कटाई और उनके स्वागत के रूप में भी देखा जाता है।

मकर संक्रांति न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह लोगों को एकजुट करने का भी पर्व है। इस दिन परिवार और दोस्त साथ आते हैं, स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं और त्यौहार की खुशियां मनाते हैं।

आज के आधुनिक युग में भी मकर संक्रांति की परंपराएं जीवित हैं। लोग भले ही अलग-अलग शहरों और देशों में रह रहे हों, लेकिन इस दिन का महत्व उनकी जिंदगी में हमेशा बना रहता है। सोशल मीडिया पर भी लोग मकर संक्रांति की शुभकामनाएं साझा कर रहे हैं।

2025 में मकर संक्रांति का यह पर्व एक बार फिर से हमें यह सिखाने का मौका देता है कि प्रकृति, परंपरा और खुशियों का महत्व क्या है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कैसे छोटे-छोटे पलों में भी खुशी और शांति पाई जा सकती है।

मकर संक्रांति हर साल इसी तरह उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती रहेगी। इस पर्व के जरिए हम न केवल अपने धर्म और संस्कृति को जीवित रखते हैं, बल्कि परिवार और समाज के साथ अपने रिश्तों को भी मजबूत बनाते हैं।

Author

  • PK Arrora

    My name is PK Arora and I have done advanced degree course in computer. I am very passionate about technology and coding. I have been associated with the technology sector for the last 4 years. And I have been working in the technology field for 3 consecutive years. Information related to jobs and schemes has been posted on this blog.

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