Mahakumbh me lagi aag
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के पवित्र मेले में रविवार को भीषण आग लगने की घटना ने लाखों श्रद्धालुओं और आयोजकों को हैरान कर दिया। यह हादसा तड़के हुआ, जब हजारों लोग गंगा स्नान और पूजा-अर्चना में व्यस्त थे। आग लगने की वजह से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए गए, लेकिन घटना ने मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, आग मेले के सेक्टर 14 में स्थित एक टेंट में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। टेंट के भीतर मौजूद गैस सिलेंडर ने आग को और भयानक बना दिया। कुछ चश्मदीदों का कहना है कि टेंट में रखे कंबल और लकड़ी ने भी आग को तेजी से फैलने में मदद की।
आग लगने के बाद पूरे मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई। श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। घटनास्थल के पास मौजूद दुकानों और अन्य टेंटों को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। प्रशासन ने तुरंत दमकल गाड़ियां भेजीं और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। हालांकि, आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि दमकल कर्मियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में कई टेंट जलकर राख हो गए। लगभग 20 लोग झुलसने से घायल हो गए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रभावित लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
महाकुंभ मेले जैसे बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था हमेशा एक बड़ी चुनौती होती है। इस घटना ने आयोजकों की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कई श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे।
“यह घटना प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। अगर समय पर बिजली के तारों की जांच की जाती, तो यह हादसा टल सकता था,” एक श्रद्धालु ने गुस्से में कहा।
प्रयागराज प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मेले के मुख्य अधिकारी ने कहा, “हम घटना की पूरी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो।”
अधिकारियों ने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाएगा।
घटना के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। दमकल विभाग, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने मिलकर स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। प्रभावित इलाकों को खाली कराया गया और आग पर लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया गया।
एक दमकल अधिकारी ने कहा, “हमने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू किया। हालांकि, हवा के चलते आग पर काबू पाने में वक्त लगा।”
घटना के बाद श्रद्धालुओं के बीच डर और चिंता का माहौल है। कई लोगों ने महाकुंभ छोड़ने का फैसला किया, जबकि अन्य लोग प्रशासन से और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं।
“हम इतनी दूर से यहां गंगा स्नान के लिए आए थे। लेकिन अब डर लग रहा है कि कुछ और न हो जाए,” एक महिला श्रद्धालु ने कहा।
महाकुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर 12 साल में होता है। यह घटना इसके महत्व को कम नहीं कर सकती, लेकिन इसकी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल जरूर खड़े कर रही है।
धार्मिक संगठनों और नेताओं ने घटना पर दुख जताया है और प्रशासन से बेहतर इंतजाम करने की अपील की है।
इस हादसे से स्पष्ट है कि इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर और ध्यान देने की जरूरत है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
महाकुंभ 2025 में लगी इस आग ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन उम्मीद है कि प्रशासन इस घटना से सबक लेगा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बेहतर कदम उठाएगा।
आग लगने की यह घटना हम सभी को याद दिलाती है कि सतर्कता और सावधानी ही किसी भी आयोजन की सफलता की कुंजी है।
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